क्या है इश्वर ? क्या है तनाव? क्या हैं रिश्ते? क्या है दोस्ती? क्या है सेक्स? क्या है आध्यात्म?क्या है सही ? क्या है गलत ?क्या है प्रकृति ? और क्या हैं हम ? क्या हमारा प्रारंभ है , क्या हमारा अंत है ?...??
वास्तव मे हम सेक्स के बारे मै खुलकर बात करने से बचते है,जबकि हम उसे करने से नहीं बचते ऐसी दोहरी बाते केवल यही पर देखी जा रही है ,इसी वजह से लोगो के दिमाग से सेक्स का भूत नहीं उतर पा रहा है !